चण्डीगढ़, 9दिसंबर 2019: आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सोमवार को हर तरफ़ बढ़ी महँगाई को नकेल डालने के लिए सभी जिलों के डिप्टी कमीशनरों के द्वारा पंजाब सरकार को माँग पत्र सौंपे हैं।
‘आप’हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कहा कि सूबा और केंद्र सरकारों की गलत और लोग विरोधी नीतियों कारण हरेक वर्ग की आमदन कम रही है और बेकारी -बेरोजगारी बढ़ रही है, जिस कारण महँगाई की मार दिन दिन घातक होती जा रही है, परंतु महँगाई कारण डर -डर कर रहे लोगों की न तो कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार और न ही केंद्र की नरिन्दर मोदी सरकार को फ़िक्र है।
मान ने कहा,”सरकारें को चंद कॉर्पोरेट और बड़े घरानों के व्यापार -कारोबार के इलावा किसी की कोई परवाह नहीं। भ्रष्टाचार और बड़ी गुप्त’डीलों’कारण जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और जनतक क्षेत्र में निवेश किये जाने वाला पैसा चहेते कॉर्पोरेट घरानों की झोलियों में जा रहा है। पंजाब अंदर सरकारी थर्मल पलांट बंद करके निजी कंपनियों के साथ किये एकतरफ़ा और महंगे बिजली ख़रीद इकरारनामे (ऐमओयू) इस की प्रत्यक्ष मिसाल हैं, जिस की वजह से आज पंजाब के खपतकारों को पूरे देश में सब से महँगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है।
मान ने कहा कि लोगों को महँगाई आर्थिक मंदहाली की मार से बचाने के लिए सरकार को कृषि अर्थ व्यवस्था मज़बूत करन के लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे और जनतक सरकारी और अर्ध -सरकारी अदारों के लिए उसी दरिया -दिली के साथ बड़ा निवेश करना पड़ेगा, जैसे कॉर्पोरेट और प्रभावशाली औद्योगिक और व्यापारिक घरानों को करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की’बेल आउट’राहत दी गई है।
मान ने कहा कि पंजाब केंद्र की सरकार को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल से सबक लेने की ज़रूरत है। यदि केजरीवाल सरकार प्याज़ आधे मूल्य मुहैया कर सकती है, बिजली पूरे देश की अपेक्षा सस्ती कर सकती है, लोगों को निजी स्कूलों और प्राईवेट अस्पतालों की लूट से बचाने के लिए सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का मानक प्राईवेट सैक्टर की अपेक्षा ऊँचा उठा सकती है तो पंजाब और केंद्र सरकारें यह सब क्यों नहीं कर सकतीं?
मान ने बताया कि डिप्टी कमीशनरों को दिए गए माँग पत्रों के द्वारा डीज़ल -पेट्रोल से इंतज़ार की दरों घटाने और सूबो के हिस्से का इंतज़ार छोड़ने, निजी बिजली कंपनियों के साथ किये महंगे समझौते रद्द करन और खेती आधारित प्रोसेसिंग यूनिट लगाने समेत रोज़गार के मौके बढ़ाने, फसलों के लाभपरक मूल्य यकीनी बनाने और भ्रष्टाचार को नथ डाल कर सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और संस्थानों को मज़बूत करन आदि माँगों के लिए तुरंत ठोस कदम उठानो की माँग की है।
उन बताया कि पंजाब भर में ज़िला और सूबा स्तरीय’आप’लीडरशिप ने डिप्टी कमीशनरों की मार्फत पंजाब सरकार को माँग पत्र सौंपे, जिस के अंतर्गत विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने संगरूर, झलर समिति के चेयरमैन प्रिंसिपल बुद्ध राम ने मोहाली और उप नेता सरबजीत कौर माणूंके ने लुधियाना ज़िला टीमों का नेतृत्व की।
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महँगाई विरुद्ध’आप’ने डिप्टी कमीशनरों के द्वारा सरकार को माँग पत्र सौंपे
चण्डीगढ़, 9दिसंबर 2019: आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने सोमवार को हर तरफ़ बढ़ी महँगाई को नकेल डालने के लिए सभी जिलों के डिप्टी कमीशनरों के द्वारा पंजाब सरकार को माँग पत्र सौंपे हैं।
‘आप’हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कहा कि सूबा और केंद्र सरकारों की गलत और लोग विरोधी नीतियों कारण हरेक वर्ग की आमदन कम रही है और बेकारी -बेरोजगारी बढ़ रही है, जिस कारण महँगाई की मार दिन दिन घातक होती जा रही है, परंतु महँगाई कारण डर -डर कर रहे लोगों की न तो कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार और न ही केंद्र की नरिन्दर मोदी सरकार को फ़िक्र है।
मान ने कहा,”सरकारें को चंद कॉर्पोरेट और बड़े घरानों के व्यापार -कारोबार के इलावा किसी की कोई परवाह नहीं। भ्रष्टाचार और बड़ी गुप्त’डीलों’कारण जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और जनतक क्षेत्र में निवेश किये जाने वाला पैसा चहेते कॉर्पोरेट घरानों की झोलियों में जा रहा है। पंजाब अंदर सरकारी थर्मल पलांट बंद करके निजी कंपनियों के साथ किये एकतरफ़ा और महंगे बिजली ख़रीद इकरारनामे (ऐमओयू) इस की प्रत्यक्ष मिसाल हैं, जिस की वजह से आज पंजाब के खपतकारों को पूरे देश में सब से महँगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ रही है।
मान ने कहा कि लोगों को महँगाई आर्थिक मंदहाली की मार से बचाने के लिए सरकार को कृषि अर्थ व्यवस्था मज़बूत करन के लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे और जनतक सरकारी और अर्ध -सरकारी अदारों के लिए उसी दरिया -दिली के साथ बड़ा निवेश करना पड़ेगा, जैसे कॉर्पोरेट और प्रभावशाली औद्योगिक और व्यापारिक घरानों को करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए की’बेल आउट’राहत दी गई है।
मान ने कहा कि पंजाब केंद्र की सरकार को दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल से सबक लेने की ज़रूरत है। यदि केजरीवाल सरकार प्याज़ आधे मूल्य मुहैया कर सकती है, बिजली पूरे देश की अपेक्षा सस्ती कर सकती है, लोगों को निजी स्कूलों और प्राईवेट अस्पतालों की लूट से बचाने के लिए सरकारी स्कूलों और अस्पतालों का मानक प्राईवेट सैक्टर की अपेक्षा ऊँचा उठा सकती है तो पंजाब और केंद्र सरकारें यह सब क्यों नहीं कर सकतीं?
मान ने बताया कि डिप्टी कमीशनरों को दिए गए माँग पत्रों के द्वारा डीज़ल -पेट्रोल से इंतज़ार की दरों घटाने और सूबो के हिस्से का इंतज़ार छोड़ने, निजी बिजली कंपनियों के साथ किये महंगे समझौते रद्द करन और खेती आधारित प्रोसेसिंग यूनिट लगाने समेत रोज़गार के मौके बढ़ाने, फसलों के लाभपरक मूल्य यकीनी बनाने और भ्रष्टाचार को नथ डाल कर सरकारी स्कूलों, अस्पतालों और संस्थानों को मज़बूत करन आदि माँगों के लिए तुरंत ठोस कदम उठानो की माँग की है।
उन बताया कि पंजाब भर में ज़िला और सूबा स्तरीय’आप’लीडरशिप ने डिप्टी कमीशनरों की मार्फत पंजाब सरकार को माँग पत्र सौंपे, जिस के अंतर्गत विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने संगरूर, झलर समिति के चेयरमैन प्रिंसिपल बुद्ध राम ने मोहाली और उप नेता सरबजीत कौर माणूंके ने लुधियाना ज़िला टीमों का नेतृत्व की।
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